गुज़रा वो वक्त जब हम साथ थे, हो गये मानो सभी आभास है, गुज़रा वो वक्त जब हम साथ थे, हो गये मानो सभी आभास है,
जो बेचारा हरिराम जो बेचारा हरिराम
यह जो समय यह जो समय
जिसमें पहली दफा इनकार ना हो। जिसमें पहली दफा इनकार ना हो।
मैं स्त्री जो ठहरी, मुझे किसी बात का बुरा नहीं लगता। मैं स्त्री जो ठहरी, मुझे किसी बात का बुरा नहीं लगता।
तेरी खुशी जिसके लबों की हंसी हो तेरा गम जिसके आंखों से आसूं बन कर झलके, तेरी खुशी जिसके लबों की हंसी हो तेरा गम जिसके आंखों से आसूं बन कर झलके,